Former Captain of India Cricket Team Bhishan Singh Bedi Passes Away at 77

भारत के महान पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का 77 की उम्र हुआ निधन, क्रिकेट जगत में शोक की लहर

Former Captain of India Cricket Team Bhishan Singh Bedi Passes Away at 77

Former Captain of India Cricket Team Bhishan Singh Bedi Passes Away at 77

Bishan Singh Bedi Passes Away: महान भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी का निधन हो गया है. उनकी उम्र 77 साल की थी। भारत के लिए लगभग 12 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले बेदी ने कुल 273 विकेट झटके थे। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 67 टेस्ट और 10 वनडे खेले थे। 22 टेस्ट मैचों में उन्होंने भारत की कप्तानी भी की थी। बेदी ने अपने पूरे फर्स्ट क्लास कैरियर में 1560 विकेट लिए थे। इसके आसपास कोई भी भारतीय गेंदबाज नहीं पहुंच पाया है।

20 साल की उम्र में किया था टेस्ट डेब्यू
बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था. उन्होंने सिर्फ 20 साल की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था. 1966-67 में उन्होंने ईडन गार्डंस में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था. अपने पहले टेस्ट में बेदी ने 2 विकेट लिए थे।

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बॉलीवुड एक्टर अंगद बेदी के पिता 
आपको बतादें कि पूर्व इंडियन क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है। बिशन सिंह बेदी एक्टर अंगद बेदी के पिता और एक्ट्रेस नेहा धूपिया के ससुर थे। उन्होंने अपना क्रिकेट करियर 1966 में शुरू किया था और 1979 तक उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया। बिशन सिंह बेदी के निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर है।

neha dhupia father in law Bishan Singh Bedi Death bollywood debut film ghoomar with son angad bedi Bishan Singh Bedi Death: नेहा धूपिया के ससुर बिशन सिंह बेदी का निधन, बेटे अंगद संग इस फिल्म में आए थे नजर

आपको बतादें कि बिशन सिंह बेदी ने क्रिकेट के अलावा बॉलीवुड में भी काम किया है। वो अभिषेक बच्चन और सैयामी खेर की फिल्म 'घूमर' में नजर आए थे। इस फिल्म में बिशन सिंह बेदी के बेटे अंगद बेदी भी साथ नजर आए थे। अपने पिता के साथ फिल्म में काम करने को लेकर अंगद ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'पापा के साथ एक फिल्म में काम करना, ये सपने के सच होने जैसा है। मेरे पिता न केवल एक महान क्रिकेटर हैं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हैं। मेरे पिता इस अमेजिंग फिल्म में नजर आएंगे। मैं बहुत एक्साइटेड हूं'

स्पिन बोलिंग करवाने में थे मशहूर 
टेस्ट डेब्यू में बेदी का प्रदर्शन भले ही उम्मीद के मुताबिक नहीं था, लेकिन वह जल्द ही भारत के स्पिन डिपार्टमेंट के अगुवा बन गए। उन्होंने मशहूर स्पिन चौकड़ी बनाई। इस चौकड़ी में बेदी के अलावा इरापल्ली प्रसन्ना, श्रीनिवास वेंकटराघवन और भागवत चंद्रशेखर थे। चारों ने मिलकर भारत के लिए 231 टेस्ट खेले थे और आपस में 853 विकेट बांटे।

Bishan Singh Bedi Angad Bedi

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान रहें बेदी 
आपको बतादें कि उन्होंने भारत की पहली वनडे जीत में अहम भूमिका निभाई। अमृतसर में जन्मे स्पिनर बेदी ने घरेलू सर्किट पर दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया। वह 1966 और 1978 के बीच एक दशक से अधिक समय तक भारत की गेंदबाजी इकाई का प्रमुख हिस्सा रहे। बेदी 1990 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दौरे के दौरान कुछ समय के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर थे। वह राष्ट्रीय चयनकर्ता होने के साथ मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे कई प्रतिभाशाली स्पिनरों के गुरु भी थे। उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट में 370 मैचों में 1,560 विकेट लिए।

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बिशन सिंह बेदी का करियर
बिशन सिंह बेदी भारत के बड़े स्पिनर्स में से एक माने जाते थे। उन्होंने 1967 और 1979 के बीच भारत के लिए 67 टेस्ट खेले और 266 विकेट लिए. उन्होंने 10 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी सात विकेट लिए। उन्होंने भारत की पहली वनडे जीत में अहम भूमिका निभाई थी। 

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अपने खिलाड़ियों के लिए लड़ बैठे थे बेदी
बाएं हाथ से सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक बेदी अपनी आक्रामक कप्तानी के लिए जाने जाते थे। एक ऐसा कप्तान, जिसने वेस्टइंडीज जैसी खूंखार टीम को उन्हीं की धरती पर धूल चटाई थी। 1976 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर गई हुई थी। उस समय वेस्टइंडीज की क्रिकेट जगत में तूती बोलती थी। उस टीम के सामने बेदी की अगुवाई में भारत ने टेस्ट मैच जीतकर सनसनी मचा दी थी। यह सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच था। 

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वेस्टइंडीज ने अगले टेस्ट में बदला लेने की ठान ली। उन्होंने अपने तूफानी गेंदबाजों से भारतीय खिलाड़ियों के शरीर को निशाना बनाने का प्लान बनाया।टेस्ट मैच शुरू हुआ और भारत के 3 बल्लेबाज बुरी तरह से चोटिल हो गए। पहली पारी में ओपनर अंशुमन गायकवाड़, गुंडप्पा विश्वनाथ और बृजेश पटेल को गंभीर चोट लगी। दूसरी पारी में भारत ने 4 विकेट पर 97 रन बना लिए थे। चोटिल हुए तीनों खिलाड़ी बल्लेबाजी के लिए नहीं आ सकते थे। ऐसे में कप्तान बेदी ने सिर्फ 12 रन की बढ़त होने के बावजूद पारी घोषित कर दिया। वेस्टइंडीज ने आसानी से मैच जीत लिया, लेकिन बेदी ने पारी घोषित करके उदाहरण पेश किया।